ABOUT EK NADI CHAR KINARE




क्या लव/ अरेंज्ड मैरिज सुखी वैवाहिक जीवन की कुंजी है?

अगर ऐसा है तो समीर पहले पल्लवी के प्रति आकर्षित हुआ और दोनों की रजामंदी से उनकी अरेंज्ड मैरिज भी हुई । परन्तु दोनों एक दूसरे के साथ सुखद वैवाहिक जीवन बिताने के लिए संघर्ष करते रहे।

तो क्या लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद विवाह कर सुखी वैवाहिक जीवन बिताया जा सकता है?

अगर ऐसा है तो अनन्या और शौर्य को लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए इनको तमाम परेशानियों का सामना क्यों करना पड़ा? और सुखद वैवाहिक जीवन जीने के लिए अनन्या को अपने आप को बदलने की जरूरत क्यूँ पड़ी?

कैसे लिल्ली एवं शीना जैसे पात्र वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मचाते हैं और उन सब परिस्थितियों से निपट कर कैसे पल्लवी एवं समीर और अनन्या एवं शौर्य एक सुखद वैवाहिक जीवन व्यतीत करते हैं?

राकेश श्रीवास्तव 'राही' के उपन्यास 'ढाई कदम" को पाठकों द्वारा अपार प्यार मिलने के बाद, उनका यह दूसरा उपन्यास 'एक नदी चार किनारे' अवश्य पढ़ें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि पहले उपन्यास की भाँति इसमें भी घटना क्रम की गति और रहस्य को बनाए रखने में लेखक फिर से पूर्णतः सफल हुआ है, जिससे आप पाठक इस उपन्यास को बिना अवरोध पढ़ना चाहेंगे।-सम्पादक 

No comments:

Post a Comment